चम्पावत : अधिकारी स्वयं गांव-गांव जाकर पुनर्निर्माण के कार्यों का स्थलीय निरीक्षण कर लोगों को योजनाओं से शीघ्र लाभान्वित करें : मंडलायुक्त दीपक रावत
आयुक्त व सचिव मुख्यमंत्री दीपक रावत ने जनपद में मानसून काल में हुई क्षति एवं नुकसान व किए गए राहत, बचाव तथा पुनर्निर्माण आदि कार्यों की ली जानकारी
चम्पावत। दो दिवसीय भ्रमण पर चम्पावत पहुंचे आयुक्त कुमाऊं व सचिव मुख्यमंत्री दीपक रावत ने स्थानीय सर्किट हाउस में जिले के अधिकारियों के साथ बैठक कर मानसून काल में हुई क्षति एवं नुकसान व किए गए राहत, बचाव पुनर्निर्माण आदि के कार्यों की जानकारी ली।
आयुक्त/सचिव मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तेजी से पुनर्निर्माण के कार्य कराने हैं। प्रत्येक व्यक्ति को जो भी तथा जिस भी प्रकार का नुकसान प्राकृतिक आपदा से हुआ है उसे किसी न किसी योजना, मानक से राहत दी जाए। जिन लोगों के परिवारों को खेती और औद्यानिकी आदि का नुकसान हुआ है, उन्हें भी तत्काल मदद करते हुए क्षतिपूर्ति करें ताकि उनकी आजीविका पूर्व की भांति चलती रहे। उन्होंने कहा कि अधिकारी स्वयं गांव-गांव जाकर पुनर्निर्माण के कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करें तथा शीघ्र ही जिन योजनाओं आदि में अधिक धनराशि व्यय होनी है ,उनका तत्काल प्रस्ताव तैयार कर शासन व विभाग को भेजा जाए।
आयुक्त ने कहा कि विभागों द्वारा आपदा के दौरान तत्काल बेहतर कार्य करते हुए तात्कालिक रूप से सड़क यातायात, पेयजल, विद्युत सुचारु किया गया है। अब इन कार्यों को स्थाई रूप से बनाए जाने हेतु तेजी से कार्य किए जाएं अतिरिक्त धनराशि की मांग के प्रस्ताव शासन को जिलाधिकारी के माध्यम से प्रस्तुत किए जाएं। आयुक्त व सचिव मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क निर्माण एजेंसियां विशेष रूप से देखें की सड़क में यातायात सुव्यवस्थित हो, किसी भी प्रकार की दुर्घटना ना हो, इस हेतु रोड सेफ्टी के कार्यों के मद्देनजर कार्य कराए जाएं। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में जहां अधिक नुकसान हुआ है उन सड़क मार्ग में विशेष ध्यान दिया जाए।
उन्होंने कहा कि आपदा से जिन- जिन विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी भवनों को नुकसान हुआ है उन भवनों की मरम्मत व निर्माण हेतु शीघ्र ही कार्यवाही की जाए, ताकि विद्यालयों व आंगनबाड़ी केंद्रों में सुव्यवस्थित रूप से पठन-पाठन हो सके। आयुक्त व सचिव मुख्यमंत्री ने आपदा से पेयजल विभाग को हुए नुकसान वह रिस्टोर्वेशन कार्यों की जानकारी लेते हुए निर्देश दिए कि प्रत्येक व्यक्ति को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो यह विभाग की जिम्मेदारी है इसे सुनिश्चित किया जाए।
बैठक में जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने आयुक्त कुमाऊं व सचिन मुख्यमंत्री को मानसून का में क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों के नुकसान के अतिरिक्त आपदा के दौरान तात्कालिक तौर पर कराये गए बचाव एवं राहत कार्यों की जानकारी दी। जिलाधिकारी ने लोहाघाट तहसील के दूरस्थ क्षेत्र रौसाल, मटेला मटियानी, पंचेश्वर आदि क्षेत्र में हुई क्षति की जानकारी देते हुए अवगत कराया की घटना के तत्काल बाद राजस्व, एसडीआरएफ तथा पुलिस की टीम मटियानी पहुंचीं। जहां मलबे में दबे दो मृतकों को निकालने के साथ ही राहत आदि कार्य कराए गए। साथ ही क्षेत्र में तत्काल सड़क मार्ग को खोलने के अतिरिक्त खाद्यान्न पैकेट, रसोई गैस उपलब्ध कराने के साथ साथ प्रभावितों को अन्य आवश्यक सामग्री किचन सेट, कंबल आदि भी पूरे आपदा प्रभावित क्षेत्रों में वितरित किए गए। तत्काल बंद सड़क मार्ग को खोलने के साथ ही विद्युत तथा पेयजल व्यवस्था बहाल की गई। इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य कैंप आयोजित कराये गए। एक महिला जिसके हाथ में चोट लग गई थी, उन्हें तात्कालिक मेडिकल इमरजेंसी के तहत हेलीसेवा से एम्स ऋषिकेश पहुंचाया गया। जिन्हें त्वरित उपचार मिला जो अब स्वस्थ हैं।
जिलाधिकारी ने अवगत कराया कि आपदा प्रवाहित क्षेत्र में राहत एवं बचाव के साथ ही गांव में तत्काल सोलर स्ट्रीट लाइट लगाई गई। स्वाला में मार्ग बंद हो जाने के कारण फंसे यात्रियों के रहने, भोजन की व्यवस्था रैनबसेरे में की गई। बैठक में जिलाधिकारी द्वारा पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विभागवार आपदा से हुए नुकसान तथा किए गए राहत बचाव व पुनर्निर्माण कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने अवगत कराया कि वर्तमान तक जिले में 3419 परिसंपत्तियों को 16,395.022 लाख का नुकसान का आंकलन किया गया है। बैठक में मुख्य अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग दयानंद, मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग अल्मोड़ा राजेंद्र सिंह, मुख्य अभियंता सिंचाई संजय शुक्ला, प्रभागीय वनाधिकारी आरसी कांडपाल, मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार सिंह सहित जनपद के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।