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बाबा साहेब आंबेडकर मामले पर मुख्यमंत्री धामी ने विपक्ष को घेरा, बोले- कांग्रेस ने हमेशा बाबा साहब का अपमान किया

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उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली में प्रेस वार्ता कर कांग्रेस पर निशाना साधा

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दिल्ली दौरे पर हैं। दिल्ली में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में तीन नए आपराधिक कानून को लागू करने संबंधित बैठक में हिस्सा लिया। इस बैठक में उत्तराखंड शासन के आला अधिकारी मौजूद रहे। बैठक संपन्न होने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रेस वार्ता की।

बैठक के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अलग से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस दौरान सीएम धामी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को उत्तराखंड की क्षेत्रीय संस्कृति व विरासत की प्रतीक मुनस्यारी शॉल भी भेंट की। वहीं प्रदेश में वाइब्रेंट विलेज के तहत चल रहे कामों और शीतकालीन यात्रा के संबंध में जानकारी दी। इसके साथ ही राज्य के विकास से संबंधित तमाम विषयों को लेकर भी चर्चा की।

प्रेस वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा और आंबेडकर वाले बयान पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का बचाव भी किया। सीएम ने कहा कि देश में विभाजनकारी राजनीति करने वाले लोग सुर्खियां बटोरने के लिए केंद्रीय गृह अमित शाह के सदन में दिए गए बयान के एक छोटे से हिस्से को तोड़ मरोड़ कर पेश कर रहे हैं। कांग्रेस लगातार यह घृणित कार्य कर रही है।

सीएम धामी ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा डॉ. भीमराव आंबेडकर का अपमान किया है। जब बाबा साहब को संविधान सभा का सदस्य बनाया गया था, तब पंडित जवाहरलाल नेहरू की सह पर कांग्रेस के तमाम नेताओं ने बाबा साहेब का जमकर विरोध किया था। इतना ही नहीं भीमराव आंबेडकर को चुनाव में हराने के लिए कांग्रेस ने बहुत सारे षड़यंत्र रचे थे। कांग्रेस ने आंबेडकर को कभी भी कोई पुरस्कार नहीं दिया, लेकिन आंबेडकर को चुनाव में हारने वाले को कांग्रेस ने पद्म भूषण देकर सम्मानित किया गया था।

सीएम धामी ने कहा कि नेहरू और कांग्रेस के षड़यंत्र से तंग आकर ही आंबेडकर ने कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दिया। इस्तीफे के बाद आंबेडकर को संसद में बोलने तक का मौका नहीं दिया गया था। क्योंकि अपने इस्तीफे में भीमराव आंबेडकर ने लिखा था कि नेहरू ने उनकी लगातार उपेक्षा की है। साथ ही संसद की कमेटी में उनको जगह भी नहीं दी गई। इतना ही नहीं भीमराव अंबेडकर ने अपने इस्तीफा में जिक्र किया था कि कांग्रेस और नेहरू लगातार उनकी उपेक्षा कर रहे हैं और उनका सारा ध्यान सिर्फ मुस्लिम तुष्टिकरण पर रहता है, लेकिन कांग्रेस को दलित और आदिवासियों की कोई चिंता नहीं है। उनको सिर्फ मुस्लिमों की सुरक्षा की ही चिंता है।

कांग्रेस ने भीमराव आंबेडकर के त्यागपत्र को जनता के सामने भी नहीं आने दिया। क्योंकि इससे पंडित नेहरू की सच्चाई उजागर हो जाती। सीएम ने कहा कि पंडित नेहरू यह नहीं चाहते थे कि कोई उनसे अधिक योग्य व्यक्ति संसद में बोले और जनता के सामने आए। कांग्रेस पार्टी ने भीमराव अंबेडकर की स्मृति को कभी भी संजोने की अनुमति नहीं दी। सीएम धामी ने कहा कि कांग्रेस ने आंबेडकर के जन्म स्थान पर उनका स्मृति मंदिर तक नहीं बनने दिया और बाद में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे स्व. सुंदर सिंह भंडारी के कार्यकाल के दौरान भीमराव अंबेडकर की स्मृति स्थल को बनाने का निर्णय लिया गया। साथ ही पूर्व पीएम दिवंगत अटल बिहारी वाजपेई सरकार के दौरान भीमराव आंबेडकर के स्मृति मंदिर का उद्घाटन किया गया। दिल्ली स्थित आंबेडकर सेंटर के निर्माण को भी कांग्रेस ने रोकने की कोशिश की, लेकिन जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आई है, उसके बाद से भीमराव आंबेडकर की स्मृतियों को संजोने का कार्य किया गया है।

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