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अल्मोड़ा की IMPCL के निजीकरण का विरोध तेज, कांग्रेस ने उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

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देहरादून। कांग्रेस पार्टी ने अल्मोड़ा जिले के मोहन स्थित आइएमपीसीएल (IMPCL) सरकारी संस्थान के निजीकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार लगातार मुनाफा अर्जित करने वाली कंपनियों को बेचने का काम कर रही है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि मुनाफे में रहने वाले अल्मोड़ा के मोहान स्थित सरकारी संस्थान आईएमपीसीएल में प्राचीन शास्त्रीय विधि से आयुर्वेदिक यूनानी औषधि निर्माण का काम होता आया है। लेकिन इस सरकारी संस्थान को केंद्र सरकार अपने पूंजीपति मित्रों को बेचने की हर संभव कोशिशों में जुट गई है।

करन माहरा ने आग कहा कि आईएमपीसीएल (indian medical pharmacutical corporation limited) को रणनीतिक निवेश के तहत सूचीबद्ध किया गया है और इसकी परिसंपत्तियों का मूल्यांकन चल रहा है। जबकि यह कंपनी लगातार मुनाफे में चल रही है और हजारों कर्मचारियों का परिवार इससे पल रहे हैं। इसके बावजूद सरकार इस संस्थान को बेचने का षड्यंत्र रच रही है। माहरा का आरोप है आयुष मंत्रालय के सरकारी संस्थान के वर्तमान मैनेजमेंट ने निजीकरण प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की दिशा मे कुछ राजनीतिक रसूख रखने वाले लोगों और अन्य निजी संस्थाओं के साथ सांठ-गांठ कर ली है और इस कंपनी को खुर्द-बुर्द करने की तैयारी की जा रही है।

उन्होंने सवाल उठाया कि निरंतर 3 साल तक निरंतर मुनाफा देने वाली कंपनी को आखिर क्यों बेचा जा रहा है? और राजनीतिक रसूख रखने वाले लोग किस तरह से देश की परिसंपत्तियों को खुर्द-बुर्द कर रहे हैं, यह इसका जीता जागता प्रमाण है। माहरा का कहना है कि इस संस्थान से करीब 5 हजार लोगों की आजीविका चलती है, उनको इसका सीधा नुकसान उठाना पड़ेगा। यह कंपनी वर्तमान में करीब 425 यूनानी और आयुर्वेदिक दवाओं को सप्लाई कर रही है। यह देश का एकमात्र औषधि संस्थान है जिसके पास करीब 1200 दवाइयों को बनाने का लाइसेंस है. ऐसी कंपनी को सरकार प्राइवेट हाथों में सौंपने की तैयारी कर रही है। जिसका कांग्रेस पार्टी पुरजोर तरीके से विरोध करने जा रही है।

आईएमपीसीएल मोहान, जिला अल्मोड़ा: एक विस्तृत जानकारी

आइएमपीसीएल (Indian Medicines Pharmaceutical Corporation Limited), उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के मोहान में स्थित एक महत्वपूर्ण औषधीय संस्थान है। इसकी स्थापना 1978 में हुई थी और यह केंद्रीय आयुष मंत्रालय के अधीन आता है।

आईएमपीसीएल की विशेषताएं:

  • शास्त्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी औषधियों का निर्माण: यह संस्थान प्राचीन शास्त्रीय विधियों का पालन करते हुए आयुर्वेदिक और यूनानी दवाओं का निर्माण करता है।
  • भारत सरकार का एकमात्र प्रतिष्ठान: आईएमपीसीएल, शास्त्रोक्त आयुर्वेदिक एवं यूनानी औषधियों के निर्माण का भारत सरकार का एकमात्र प्रतिष्ठान है।
  • स्थानीय रोजगार: यह संस्थान स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का एक प्रमुख स्रोत है, खासकर मोहान और आसपास के क्षेत्रों में।
  • आयुष मंत्रालय का अधीन: आईएमपीसीएल, आयुष मंत्रालय के अधीन होने के कारण आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

हालिया घटनाक्रम:

  • निजीकरण का विरोध: हाल के वर्षों में, आईएमपीसीएल के निजीकरण की बातें सामने आई हैं, जिसके खिलाफ स्थानीय लोगों, कर्मचारियों और राजनीतिक दलों ने विरोध प्रदर्शन किए हैं।
  • रोजगार और अर्थव्यवस्था पर असर: निजीकरण के कारण स्थानीय लोगों के रोजगार और क्षेत्र की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है।

क्यों है आईएमपीसीएल महत्वपूर्ण?

  • आयुर्वेदिक विरासत: यह संस्थान भारत की समृद्ध आयुर्वेदिक विरासत को जीवित रखता है।
  • स्वदेशी औषधियों का उत्पादन: आईएमपीसीएल स्वदेशी औषधियों का उत्पादन करता है, जो देश की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करता है।
  • स्थानीय विकास: यह संस्थान स्थानीय विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

निष्कर्ष:

आईएमपीसीएल मोहान, उत्तराखंड के लिए एक महत्वपूर्ण संस्थान है। इसका निजीकरण स्थानीय लोगों और आयुर्वेद के क्षेत्र पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। इसलिए, इस संस्थान के भविष्य को लेकर चिंता जायज है।