RAS अधिकारी प्रियंका विश्नोई का निधन, अहमदाबाद में चल रहा था उपचार, जोधपुर में इलाज के दौरान बिगड़ी थी तबीयत
राजस्थान के जोधपुर की सहायक कलक्टर प्रियंका बिश्नोई की मौत हो गई है। प्रियंका के इलाज में डॉक्टरों पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगा है। जिसकी जांच की जा रही है। RAS अधिकारी प्रियंका बिश्नोई का बुधवार रात अहमदाबाद के निजी अस्पताल में निधन हो गया। वे जोधपुर में सहायक कलेक्टर रह चुकी थीं, उनका हाल ही में 1 सितंबर को ही तबादला नगर निगम उपायुक्त हुआ था।
5 सितंबर को वो सर्जरी के लिए शहर के वसुंधरा अस्पताल में भर्ती हुई थीं, लेकिन सर्जरी के बाद कॉम्प्लिकेशन होने से उनकी तबीयत बिगड़ गई। जिसके चलते उनको 7 सितंबर को अहमदाबाद रेफर किया गया। बुधवार रात को उनकी वहां मौत हो गई। प्रियंका विश्नोई के निधन पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विश्नोई समाज सहित सभी लोगों ने उनको श्रद्धांजलि दी है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी प्रियंका विश्नोई के निधन पर दुख जताया है।
प्रियंका विश्नोई साधारण परिवार से थीं। 2016 में उनका RAS के लिए चयन हुआ था। ग्रामीण परिवेश से आने वाली अधिकारी ने अपने कार्यक्षेत्र में बहुत जल्दी लोगों के दिलों में जगह बनाई थी। प्रियंका बिश्नोई प्रशंसनीय कार्य के लिए 15 अगस्त को सम्मानित हुई थीं। विश्नोई महासभा के अध्यक्ष देवेंद्र विश्नोई ने प्रियंका की मौत की जांच जांच सीबीआई से करवाने की मांग की है। 2016 बैच की अधिकारी प्रियंका विश्नोई बीकानेर के नोखा की रहने वाली थीं। उनके पिता वकील हैं। उनका विवाह फलोदी जिले के सूरपुरा के रहने वाले विक्रम विश्नोई से हुआ जो आबकारी अधिकारी हैं। जबकि ससुर सहीराम विश्नोई पुलिस अधिकारी रह चुके हैं। प्रियंका का आज अंतिम संस्कार किया जाएगा।
परिवार की शिकायत पर जांच : प्रियंका के ससुर सहीराम बिश्नोई ने कलेक्टर को पत्र लिखकर जोधपुर के निजी अस्पताल में उपचार में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए जांच करवाने के लिए आग्रह किया था। जिस पर कलेक्टर ने मेडिकल कॉलेज को जांच के निर्देश दिए थे। प्रिंसिपल डॉ. भारती सारस्वत ने बताया कि जांच कमेटी गठित की गई है। तीन दिन में जांच के बाद रिपोर्ट आज मिलने की संभावना है। आरएएस अधिकारी प्रियंका बिश्नोई का बीते दिनों जोधपुर के निजी चिकित्सालय में इलाज के दौरान तबीयत बिगड़ी थी। बाद में परिजन प्रियंका बिश्नोई को अहमदाबाद लेकर गए। जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। जोधपुर में इलाज के दौरान डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगा था। जिसके बाद जिला कलेक्टर ने जोधपुर के निजी चिकित्सालय के खिलाफ जांच करने के निर्देश दिए थे।