चम्पावत : जिलाधिकारी ने की जिला योजना की समीक्षा, जनहित के मामलों को प्रथम प्राथमिकता देने का अधिकारियों को दिया निर्देश
मुख्यमंत्री की घोषणाओं से संबंधित कार्यों को उच्च प्राथमिकता देते हुए पूर्ण करने के दिये निर्देश
चम्पावत। जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने जिला कार्यालय सभागार में जिला योजना 2024- 25 में अवमुक्त धनराशि के सापेक्ष व्यय धनराशि की प्रगति तथा मुख्यमंत्री घोषणा की समीक्षा बैठक लेते हुए जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि जनहित की योजनाओं के प्रस्ताव को योजना में शामिल करना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने जनहित के मामलों की विकास योजनाओं को प्रथम प्राथमिकता देने हेतु अधिकारियों को निर्देश।
जिला योजना की आयोजित बैठक में जिलाधिकारी ने कहा की जिला योजना 2024-25 हेतु अनुमोदित परिव्यय 5836.10 करोड़ है। शासन से शत प्रतिशत धनराशि अवमुक्त हो गई है, विभागों को यह धनराशि दो किस्तों में दी जानी है। प्रथम किस्त के अंतर्गत विभागों को 32 करोड़ की धनराशि जारी कर दी गई है, जो सभी विभागों को अवमुक्त कर दी गई है। जिलाधिकारी ने जिला योजना 2024-25 की समीक्षा करते हुए सभी विभागों को यथाशीघ्र प्रथम किस्त के तहत उपलब्ध कराई गई धनराशि को शीघ्र ही व्यय करते हुए द्वितीय किस्त की मांग करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि विभाग पुरानी परिपाटी जो मार्च मांह में धनराशि व्यय करने की है उसे समाप्त करते हुए अभी से ही धनराशि व्यय करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक अधिकारी की जिम्मेदारी है कि उन्हें जिस मद व उद्देश्य हेतु धनराशि विभाग को प्राप्त हुई है उसी मद व उद्देश्य में धनराशि का पूर्ण प्रयोग हो तथा जनता को उसका पूर्ण लाभ प्राप्त हो।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए की एससीपी योजना का लाभ उन्हीं क्षेत्रों में दिया जाए जहां इसके लाभार्थी हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी योजना व कार्य स्थल का समय-समय पर स्थलीय निरीक्षण करना भी सुनिश्चित करें, साथ ही धनराशि समय से खर्च हो इस हेतु कार्य योजना तैयार करते हुए कार्यों को संपन्न कराए। जिलाधिकारी ने कहा कि जनहित के कार्यों को प्रथम प्राथमिकता देते हुए कार्य किए जाएं। कार्यों में पूर्ण गुणवत्ता, मितव्ययता व समयबद्धता का विशेष ध्यान रखा जाए साथ ही पारदर्शिता, उत्तरदायित्व एवं संवेदनशीलता के साथ योजनाओं का ससमय तथा सफल क्रियान्वयन करें। बैठक में मुख्यमंत्री घोषणा की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन विभागों की मुख्यमंत्री घोषणा जनपद स्तर पर लंबित पड़ी हैं, वह इस माह के अंत तक उनके प्रस्ताव तैयार करते हुए शासन को प्रेषित करें। साथ ही शासन स्तर पर लंबित घोषणा की शीघ्र स्वीकृति हेतु अनुस्मारक पत्र प्रेषित करते हुए स्वीकृति हेतु स्वयं पहल करें।
जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि मुख्यमंत्री की घोषणाओं को उच्च प्राथमिकता में लेते हुए उनसे संबंधित विकास कार्यों को बेहतर गुणवत्ता और पारदर्शिता से संपादित करना सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देश दिये कि इस संबंध में कार्यदायी संस्था के निर्माण व उसमें किसी तरह के भूमि हस्थानांतरण के संबंध में अन्तर्विभागीय स्तर से जो भी समन्वय किया जाना हो उन सभी प्रक्रियाओं को तत्काल पूर्ण करें तथा इस संबंध में यदि शासन स्तर से कोई अनुमोदन किया जाना हो तो इसमें कार्यवाही तत्काल करें। जिलाधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री घोषणा के जो कार्य वन भूमि हस्तांतरण के कारण लंबित अथवा रुके हुए हैं, संबंधित विभाग वन विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर वन भूमि के प्रस्तावों को तैयार करते हुए शासन व नोडल स्तर पर प्रेषित कर स्वयं पहल करते हुए इन प्रस्तावों को स्वीकृत कराए।
बैठक में अवगत कराया गया कि मुख्यमंत्री घोषणा अंतर्गत जनपद स्तर पर कुल 23 घोषणाएं लंबित हैं। जिसमें लोक निर्माण विभाग की 4, शहरी विकास की 6, पर्यटन विभाग की 2, विद्यालय शिक्षा, सिंचाई खंड, ग्रामीण विकास, गृह विभाग, क्रीडा विभाग, युवा कल्याण, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, आवास विभाग, समाज कल्याण, पंचायती राज, पेयजल निगम की एक-एक घोषणाएं जनपद स्तर से लंबित हैं। जिलाधिकारी ने उक्त सभी विभागों को जनपद स्तर से लंबित घोषणाओं में शीघ्र अति शीघ्र कार्रवाई करने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार सिंह, जिला विकास अधिकारी दिनेश सिंह दिगारी, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी दीप्तकीर्ति तिवारी, सहित विभिन्न जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।