चम्पावत के गौड़ी पॉवर हाउस में 33 साल बाद फिर से बनेगी बिजली
चम्पावत। जनपद का बंद पड़ा गौड़ी पॉवर हाउस जल्द ही इलाके को रोशन करेगा। तीन दशक से बंद इस परियोजना की मरम्मत पूरी कर ली गई है। फिलहाल अब पॉवर हाउस का परीक्षण चल रहा है।
चम्पावत से आठ किमी दूर गौड़ी पावर हाउस को वर्ष 1960 में यूपीएसईबी (उप्र राज्य बिजली बोर्ड) ने बनाया था। 200 किलोवाट क्षमता के इस पॉवर हाउस से वर्ष 1990 तक बिजली का उत्पादन होता था। इससे चम्पावत और लोहाघाट क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति होती थी लेकिन बाद में परियोजना ने काम करना बंद कर दिया। इसके बाद वर्ष 1995 में गौड़ी पॉवर हाउस को लघु जल विद्युत निगम के जरिये संचालित करने की कवायद भी सफल नहीं रही। नवंबर 2000 में उत्तराखंड गठन के बाद गौड़ी सहित अन्य लघु जल विद्युत परियोजनाओं के संचालन का जिम्मा उरेडा (उत्तराखंड वैकल्पिक उर्जा विकास अभिकरण) को देने के बाद भी योजना नहीं चल सकी। अब तीन साल पहले योजना को पीपीपी मोड में शुरू करने की कवायद हुई। वर्ष 2021 में उरेडा और एक निजी कंपनी के बीच 35 साल का करार हुआ। पॉवर हाउस के सभी जरूरी काम पूरे हो चुके हैं और फिलहाल इसका ट्रायल भी अंतिम चरण में है। दिसंबर के अंत तक ट्रायल पूरा करने के बाद जनवरी 2024 से इससे बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा।
ग्रिड को बेची जाएगी बिजली
चम्पावत। गौड़ी पॉवर हाउस से जल्द ही बिजली का उत्पादन होगा। 200 किलोवाट क्षमता के इस पॉवर हाउस से मिलने वाली बिजली सब स्टेशन के जरिये पावर ग्रिड को बेची जाएगी। काम कराने वाली कंपनी से ऊर्जा निगम 3.07 रुपये प्रति यूनिट बिजली खरीदेगी।
गौड़ी पॉवर हाउस को पीपीपी मोड में नवीनीकृत किया गया है। नई मशीन लगाई गई है। एक ट्रायल हो चुका है। ट्रायल सफल रहने पर जनवरी से बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा। चंद्रप्रकाश उपाध्याय, अभियंता, उरेडा, चम्पावत