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भारतीय न्याय संहिता लागू होने के डेढ़ घंटे बाद दिल्ली में पहला केस दर्ज, रेहड़ी-पटरी लगाने वाले के खिलाफ कार्रवाई

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नई दिल्ली। भारतीय न्याय संहिता के तहत दिल्ली में पहला केस कमला मार्केट थाने में दर्ज हुआ है। भारतीय न्याय संहिता लागू होने के डेढ़ घंटे बाद यह पहला मामला दर्ज हुआ है। हालांकि यह मामला पुलिस की तरफ से दर्ज किया गया है। इस मामले में भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 285 लगाई गई है। एफआईआर कमला नेहरू नगर थाने के सब इंस्पेक्टर कार्तिक मीणा की तरफ से कराई गई है। एफआईआर पंकज राय के खिलाफ दायर किया गया है, जो बिहार के बख्तियारपुर का रहने वाला है।

दरअसल, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास डीलक्स शौचालय के नजदीक पंकज राय ने बीड़ी सिगरेट की दुकान सड़क पर लगा रखी थी। पुलिस के कहने के बाद भी पंकज राय ने दुकान नहीं हटाई। सड़क पर दुकान होने के कारण यातायात प्रभावित हो रहा था। कार्तिक मीणा ने राहगीरों से कहा कि वह दुकानदार के खिलाफ लिखित शिकायत दें, लेकिन व्यस्तता के कारण किसी ने लिखित तहरीर नहीं दी। इसके बाद कार्तिक मीणा ने खुद तहरीर लिखी और पुलिसकर्मियों से तहरीर थाने भिजवाई और दुकानदार पंकज राय के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। बता दें कि आज यानी एक जुलाई से देशभर में आइपीसी, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 लागू किया गया है। अंग्रेजों के काल में बने हुए कानून के तहत अब एफआईआर नहीं दर्ज होंगी। 20 अध्याय वाले भारतीय न्याय संहिता में 358 धाराएं हैं, जबकि पुराने कानून यानी आईपीसी 1860 में 511 धाराएं थी।

नई धाराओं से पूरी तरह अवगत नहीं है लोग
दिल्ली के थानों में भारतीय न्याय संहिता के तहत मामले दर्ज करने के लिए रिहर्सल पहले ही की जा चुकी है। दिल्ली पुलिस के जवानों की मदद के लिए ई-प्रमाण अप भी बनाया गया है, जिससे कि नए कानून के तहत एफआईआर दर्ज करने के दौरान धाराएं लगाने में परेशानी का सामना न करना पड़े। अभी पुलिस समेत कानून से जुड़े लोग भी नए कानून की धारों से पूरी तरह अवगत नहीं है। ऐसे में थोड़ी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

लोगों को मिलेगी सहूलिया
नए कानून के तहत लोगों को काफी सहूलियत मिलने वाली हैं। अभी तक लोगों की शिकायत रहती थी कि पुलिस उनकी शिकायत नहीं ले रही है और एफआईआर नहीं दर्ज कर रही है, लेकिन यदि कोई पीड़ित व्हाट्सएप पर भी शिकायत भेजता है तो पुलिस को रिपोर्ट दर्ज करनी पड़ेगी। इसके साथ ही नए कानून के तहत ऑनलाइन सामान गवाही की भी सुविधा मिलेगी। इससे लोगों को थाने के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।