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अतिक्रमण के नाम पर किसी भी व्यक्ति का नहीं होगा उत्पीड़न : सीएम पुष्कर सिंह धामी

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उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से अतिक्रमण हटाओ अभियान चल रहा है। इसकी चपेट में आए लोग बर्बादी की कगार पर पहुंच चुके हैं। इसके चलते सरकारी तंत्र के कारनामे का लोगों द्वारा कड़ा​ विरोध किया जा रहा है। इतना ही नहीं अतिक्रमण पर कार्रवाई को लेकर लोग सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। लोगों का कहना है कि सरकार अतिक्रमण के नाम पर उनकी रोजी रोटी छीन रही है। ऐसे में वो पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं। विपक्षी दल भी मामले को लेकर सरकार पर हमलावर हैं। विरोध के स्वर बुलंद व ​तीखे होने पर खुद सीएम धामी ने स्थिति स्पष्ट की है। उनका कहना है कि अतिक्रमण के नाम पर किसी भी व्यक्ति का उत्पीड़न नहीं किया जाएगा।

दरअसल, बीती 26 जुलाई को नैनीताल हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्गों और राजमार्गों के किनारे सरकारी एवं वन भूमि पर अतिक्रमण कर बनाई गई दुकानों संबंधित रिपोर्ट तलब की थी। इसके बाद से ही जिला प्रशासन की ओर से प्रदेशभर में सड़कों के किनारे से अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की जा रही है। इसके विरोध में स्थानीय लोग और व्यापारी लामबंद हो गए हैं।

लैंड जिहाद के प्रतीक और अवैध कब्जों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी

सीएम धामी ने कहा कि जब तक यह स्पष्ट नहीं हो जाता है कि निर्माण राजकीय भूमि पर है या निर्माण हटाया जाना आवश्यक है, तब तक किसी भी विभाग की ओर से कोई तोड़फोड़ नहीं की जाएगी। साथ ही कहा की वन भूमि में लैंड जिहाद के रूप में जो प्रतीक खड़े किए गए हैं या अवैध कब्जे किए गए हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी, लेकिन सामान्य स्थितियों में किसी भी अतिक्रमण के नाम पर प्रदेश के नागरिकों को परेशान नहीं किया जाएगा।