देशनवीनतम

राज्यसभा चुनाव : हिमाचल में कांग्रेस के साथ अपनों ने ही कर दिया ‘खेला’, भाजपा प्रत्याशी की लगी लॉटरी

ख़बर शेयर करें -

शिमला। हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के साथ अपनों ने ही ‘खेला’ कर दिया। कांग्रेस विधायकों ने पार्टी के ही प्रत्याशी को धूल चटा दिया। कांग्रेस प्रत्याशी की किस्मत ही खराब थी। लॉटरी में जीत भाजपा प्रत्याशी की हुई। मंगलवार को हुए मतदान में 9 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। इनमें छह कांग्रेस के और तीन निर्दलीय विधायक थे। इन नौ वोटों के मिलने से 25 विधायकों वाली बीजेपी के उम्मीदवार को कुल 34 विधायकों का वोट मिला। जबकि 40 विधायकों वाली हिमाचल कांग्रेस छह विधायकों का वोट गंवाने के बाद पार्टी उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी को 34 ही वोट दिलवा सकी। 34-34 पर लॉटरी हुई तो भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन की लॉटरी निकल गई। इस तरह हिमाचल में मंगलवार को अपनों ने ही कांग्रेस की फजीहत करवा दी।

इन विधायकों ने किया क्रॉस वोट

  • सुधीर शर्मा- कांगड़ा जिले की धर्मशाला सीट से कांग्रेस विधायक सुधीर शर्मा भी पिछले कुछ वक्त से सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे. सोशल मीडिया से लेकर मीडिया के जरियो वो अपनी ही सरकार को सवालों के कटघरे में खड़ा कर रहे थे. सुधीर शर्मा 2003, 2007, 2012 में विधायक रह चुके हैं. 2022 में वो चौथी बार विधानसभा पहुंचे. सुधीर शर्मा वीरभद्र सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं.
  • राजेंद्र राणा- हमीरपुर जिले की सुजानपुर सीट से विधायक हैं और बीते कुछ वक्त से लगातार अपनी सरकार पर हमलावर थे. वो लगातार तीन बार से विधायक हैं. 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में में राजेंद्र राणा ने तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को चुनाव हराया
  • इंद्रदत्त लखनपाल- इंदरदत्त लखनपाल हमीरपुर जिले की बड़सर विधानसभा से विधायक हैं. वो लगातार 2012, 2017 के बाद 2022 में लगातार तीसरी बार विधायक बने हैं.
  • देवेंद्र कुमार भुट्टो- देवेंद्र कुमार भुट्टो ऊना जिले की कुटलैहड़ विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक हैं. वो 2022 में पहली बार विधायक बने हैं.
  • रवि ठाकुर- लाहौल स्पीति से कांग्रेस विधायक रवि ठाकुर ने भी क्रॉस वोटिंग की है. वो 2012 के बाद 2022 में दूसरी बार विधायक बने हैं.
  • चैतन्य शर्मा- 29 साल के चैतन्य शर्मा ऊना जिले की गगरेट सीट से कांग्रेस विधायक हैं, 2022 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर वो पहली बार विधायक बने थे.
  • आशीष शर्मा- हमीरपुर जिले की हमीरपुर सीट से निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा ने भी क्रॉस वोटिंग की है. वो 2022 में पहली बार विधायक बने हैं.
  • होशियार सिंह- कांगड़ा जिले की देहरा सीट से विधायक होशियार सिंह निर्दलीय विधायक हैं. 2017 के बाद 2022 में भी निर्दलीय विधायक के रूप में विधानसभा पहुंचे.
  • केएल ठाकुर- सोलन जिले की नालागढ़ सीट से विधायक केएल ठाकुर निर्दलीय विधायक हैं और दूसरी बार विधानसभा पहुंचे हैं. 2012 में बीजेपी से विधायक रहे केएल ठाकुर को 2022 में पार्टी ने टिकट नहीं दिया था. केएल ठाकुर ने बगावत करके निर्दलीय चुनाव लड़ा और विधायक बने.

मुख्यमंत्री के गृह जिले के हैं क्रॉस वोट करने वाले 3 विधायक

राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करके कांग्रेस की हार तय करने वाले 9 विधायकों में से 3 विधायक को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के गृह जिले हमीरपुर के हैं. इनमें सुजानपुर से कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा और बड़सर से इंद्रदत्त लखनपाल के साथ बड़सर से निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा शामिल हैं. हमीरपुर जिले में कुल 5 विधानसभा सीटें हैं इनमें से मुख्यमंत्री और भोरंज से सुरेश कुमार का वोट ही कांग्रेस के राज्यसभा उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी को मिला है.

क्या है क्रॉस वोटिंग की वजह ?
गौरतलब है कि हिमाचल कांग्रेस में अंतर्कलह लगातार बनी हुई थी. सुधीर शर्मा और राजेंद्र राणा जैसे विधायक सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे और आए दिन सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक सरकार को चुनाव में किए वादे याद दिलाते थे. युवाओं को रोजगार से लेकर विधायक निधि और कैबिनेट विस्तार को लेकर दोनों विधायक खुलकर बोलते रहे हैं. दोनों मंत्रीपद की रेस में रहे लेकिन सरकार बनने के 14 महीने बाद भी इंतजार जारी था. राज्यसभा चुनाव से पहले बीते हफ्ते दोनों ही विधायक सरकार पर चुटकी लेते हुए मंत्री ना बनने की बात कह चुके हैं.

इसी तरह कांग्रेस संगठन की भी सरकार से नाराजगी जगजाहिर थी. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने भी कार्यकर्ताओं की अनदेखी का आरोप मुख्यमंत्री पर लगाया. दरअसल प्रतिभा सिंह प्रदेश में निगम और बोर्डों के अहम पदों पर नियुक्ति की मांग कई बार उठा चुकी है. इसी तरह कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह भी विभाग बदले जाने पर पिछले दिनों नाराज बताए जा रहे थे.