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केदारनाथ यात्रा मार्ग पर फंसे यात्रियों का रेस्क्यू जारी, हेलीकाप्टर की भी ली जा रही मदद, अभी तक निकाले गए करीब ढ़ाई सौ लोग

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रुद्रप्रयाग। भारी बारिश और लैंडस्लाइड के कारण केदारनाथ यात्रा मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है। एक तरफ संबंधित विभागों के कर्मचारी मार्ग ठीक करने की कवायद में लगे हैं, दूसरे तरफ केदारनाथ यात्रा मार्ग पर फंसे सैकड़ों तीर्थयात्रियों के रेस्क्यू का काम भी जारी है। तीर्थयात्री पहाड़ी रास्तों से रेस्क्यू किए जा रहे हैं। साथ ही हवाई सेवा की भी मदद ली जा रही है।

केदारनाथ धाम और आसपास हुई मूसलाधर बारिश के चलते जनजीवन प्रभावित बुरी तरह प्रभावित हुआ है। केदारनाथ यात्रा मार्ग पर सोनप्रयाग से भीमबली के बीच पैदल मार्ग पर फंसे हुए यात्रियों को एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीमों की ओर से दुर्गम पहाड़ी रास्तों से होकर वैकल्पिक मार्ग बनाकर सुरक्षित रूप से निकाला जा रहा है। दरअसल केदारनाथ पैदल मार्ग भारी बारिश के चलते जगह-जगह वॉश आउट हो चुका है। केदारनाथ हाईवे का करीब 100 मीटर हिस्सा बांसबाड़ा में बह चुका है।

केदारनाथ पैदल मार्ग पर के लिंचोली में फंसे यात्रियों का हेलीकाप्टर से रेस्क्यू किया जा रहा है। घनसाली क्षेत्र के घनसाली–केदारनाथ मोटरमार्ग पर मुयालगांव के समीप मोटर पुल के ध्वस्त होने के कारण, SDRF टीम द्वारा घनसाली के ग्रामीणों और यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक वैकल्पिक मार्ग तैयार किया गया है। SDRF टीम ने 100 से अधिक यात्रियों और ग्रामीणों को रोप की सहायता से रास्ता सुरक्षित पार कराया। इसके साथ ही, एक स्थानीय नागरिक, जिनका स्वास्थ्य अत्यधिक खराब थी, उन्हें स्ट्रेचर के माध्यम से लाया गया और एंबुलेंस द्वारा अस्पताल पहुंचाया गया।

बुधवार रात को हुई अत्यधिक बारिश से केदारघाटी के लिनचोली के समीप जंगलचट्टी में बादल फट गया। इससे रामबाड़ा, भीमबली और लिनचोली का रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया। मौके पर फंसे तीर्थ यात्रियों और मजदूरों को सुरक्षित निकाल दिया गया है। जिलाधिकारी सौरभ गहरवार आज स्वयं मौके पर पहुंचकर प्रभावित इलाके का जायजा ले रहे हैं। सीएम धामी भी आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई और स्थलीय निरीक्षण कर रहे हैं।

बुधवार रात्रि को केदारनाथ में हुई तेज बारिश से एनडीआरएफ व जिला प्रशासन की रेस्क्यू टीमों द्वारा रेस्क्यू जारी है। अभी तक कोई भी मानवीय हानि की सूचना नहीं है। संभावित बारिश के दृष्टिगत सोनप्रयाग और गौरीकुंड में नदी किनारे होटल और लॉज खाली करवा दिए गए हैं। तेज बारिश के अलर्ट को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा पहले ही तीर्थ यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर ठहरा दिया गया था। बीती रात को हुई भारी बारिश के कारण केदारनाथ के पैदल मार्ग पर कई जगहों पर गदेरे उफान पर आ गए थे। जिसको देखते हुए जिलाधिकारी के निर्देशन में रेस्क्यू किया जा रहा है।

उप जिलाधिकारी ऊखीमठ अनिल कुमार शुक्ला ने बताया कि अत्यधिक बारिश के कारण केदारनाथ धाम यात्रा के पैदल मार्ग पर जगह-जगह रास्ते टूट गए हैं। सोनप्रयाग बाजार से लगभग एक किमी के ऊपर बड़े-बड़े पत्थर व बोल्डर आ गए हैं। इसके अतिरिक्त यात्रा मार्ग के क्षतिग्रस्त होने से यात्रियों को देर रात्रि को ही सुरक्षित स्थानों पर रोक दिया गया था। फिलहाल उन्हें आगे की यात्रा को स्थगित करने का सुझाव दिया गया है।

उन्होंने बताया कि कोई भी यात्री कहीं फंसा हुआ नहीं है तथा सभी सुरक्षित हैं। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक स्थिति का जायजा लेने केदारनाथ पहुंच गए हैं। उन्होंने बताया कि हेली के माध्यम से भी रेस्क्यू शुरू कर दिया गया है। एसडीएम ने कहा कि अभी तक 120 यात्रियों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से लाया जा चुका है। उन्होंने सभी कांवड़ियों, तीर्थ यात्रियों एवं श्रद्धालुओं से अपील की है कि जब तक यात्रा ट्रेक सही नहीं हो जाता, सभी अपनी यात्रा को स्थगित कर दें। उधर, कमांडेंट एसडीआरएफ मणिकांत मिश्रा ने कहा कि रेस्क्यू दल का राहत और बचाव कार्य अभी भी जारी है। वे स्थिति को संभालने और प्रभावित लोगों की मदद करने के लिए तत्पर हैं। उन्होंने कहा कि लोगों और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।