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हत्यारोपी महिला से 20 लाख में बेटा चाहता था रिटायर्ड प्रिंसिपल, MBBS छात्र पति ने मर्डर कर लाश के चार टुकड़े किए

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देहरादून। राजधानी देहरादून की पुलिस ने बीते दिन 70 साल के रिटायर्ड प्रिंसिपल श्यामलाल की हत्या का खुलासा किया था। इस हत्याकांड में पुलिस ने मुख्य आरोप महिला और उसके पति (MBBS स्टूडेंट) को गिरफ्तार किया था। वहीं, महिला ने पुलिस पूछताछ कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं, जिन्हें सुनकर पुलिस भी हैरान रह गई।

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पुलिस पूछताछ में मुख्य आरोपी महिला ने बताया कि उसके मृतक श्यामलाल से पिछले 12 सालों से अवैध संबंध थे। इसके लिए श्यामलाल, गीता को हर महीने करीब 50 हजार से एक लाख रुपए देता था। श्यामलाल एक संस्था चलाता था, वहीं गीता से उसकी मुलाकात हुई थी। पुलिस के अनुसार, श्यामलाल की पत्नी की मौत करीब 20 साल पहले हो चुकी है। श्यामलाल की दो बेटियां हैं, जिसमें से एक की शादी हो चुकी है। ऐसे में श्यामलाल अपने वंश को लेकर तनाव में रहते थे। श्यामलाल लगातार गीता पर बेटा पैदा करने का दबाव बना रहे थे। गीता भी पहले ब्यूटी पार्लर चलाती थी, लेकिन पहली शादी से जब गीता को बेटी हुई तो उसने काम बंद कर दिया। ऐसे हालातों में गीता के रुपयों की जरूरत श्यामलाल पूरी करता था। श्यामलाल की वजह से गीता अपने पहले पति से अगल हो गई थी।

पुलिस के अनुसार, करीब सात महीने पहले ही गीता की मुलाकात हिमांशु चौधरी से हुई। हिमांशु चौधरी देहरादून में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा था। इसी दौरान दोनों करीब आए और शादी करने का फैसला किया। हिमांशु चौधरी से शादी के बाद गीता का श्यामलाल से मिलना जुलना बंद हो गया, जिससे श्यामलाल परेशान था। पुलिस ने बताया कि श्यामलाल लगातार गीता पर मिलने का दबाव डाल रहा था। साथ ही श्यामलाल ने गीता को बेटा देने के बदले 20 लाख रुपए देने की पेशकश की थी। यही एक वजह श्यामलाल की मौत का कारण भी बना।

जानकारी के अनुसार गीता वर्तमान में करीब पांच महीने की गर्भवती है। उसके गर्भ में पल रही संतान को लेकर पुलिस चिकित्सीय जांच कराने की तैयारी कर रही है। पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि गीता अबतक श्यामलाल से 10 लाख रुपए से अधिक की धनराशि ले चुकी थी। मृतक के नाम पर देहरादून में करोड़ों की जमीन भी है। श्यामलाल की हत्या के बाद गीता और हिमांशु पुलिस से बचने के लिए अलग-अलग शहरों में छिप रहे थे। दंपति के पास ज्यादा पैसे भी नहीं थे, इसलिए उन्होंने छिपने के लिए ऐसी जगह चुनी जहां कम पैसा लगे और खाना भी आराम से मिल जाए। इसलिए दंपति पहले जयपुर गए, जहां वो एक धर्मशाला में रुके और मंदिरों में खाना खाया। पुलिस के अनुसार, जयपुर के बाद दोनों प्रयागराज कुंभ क्षेत्र में गए, जहां उन्होंने कुंभ में स्नान किया और भंडारों में खाना खाया। जब कुंभ संपन्न हो गया तो एक रात वहां रुकने के बाद वो दोबारा दिल्ली पहुंचे। दिल्ली से कुरुक्षेत्र होते हुए दोनों अमृतसर पहुंच गए। रुपये न होने के चलते 200 रुपये में किराए का कमरा लेकर रहने लगे और स्वर्ण मंदिर में लंगर चखा। लेकिन, अगले ही दिन पुलिस पहुंच गई और दंपति को गिरफ्तार कर लिया।

एक नजर में समझिए पूरा मामला……

दरअसल, 7 फरवरी 2025 को श्यामलाल की बेटी ने पुलिस को तहरीर देकर अपने पिता की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। श्यामलाल की बेटी ने पुलिस को बताया था कि उसके पिता दो फरवरी से लापता हैं। पहले भी वो कई-कई दिन घर से बिना बताए चले जाते थे, लेकिन इस बार वो वापस नहीं लौटे और किसी रिश्तेदारी में भी नहीं गए। पुलिस ने मामले की जांच की तो पता चला कि श्यामलाल का गीता नाम की महिला से संपर्क किया था। जिस दिन वो गायब हुए थे, तब भी वो सीसीटीवी फुटेज में गीता के घर जाते ही दिखे थे, लेकिन वहां से वापस नहीं आए। पुलिस की जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि गीता और उसका पति हिमांशु भी श्यामलाल के लापता होने के बाद से गायब हैं। दोनों का फोन भी बंद आ रहा था।

पुलिस ने गीता से फोन नंबर की सीडीआर (कॉल डिटेल रिकॉर्ड) निकाली तो अजय कुमार का नंबर सामने आया, जो सहारनपुर जिले के देवबंद में रहता है। पुलिस ने अजय कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ कि तो पता चला कि वो गीता का भाई है और उसी ने अपने बहनोई धनराज के साथ मिलकर श्यामलाल का शव ठिकाने लगाया था। पुलिस को श्यामलाल की लाश सहारनपुर जिले में नहर से मिली थी।

पुलिस ने जब गीता और हिमांशु को अमृतसर से गिरफ्तार किया था तो उन्होंने पूरा सच बताया। पुलिस के अनुसार गीता और हिमांशु का प्लान श्यामलाल का अश्लील वीडियो बनाकर उससे मोटा पैसा ऐंठने का था। इसी के लिए दो फरवरी को गीता ने श्यामलाल को फोन कर अपने दूसरे किराए के कमरे पर बुलाया, जहां हिमांशु पहले से मौजूद था। हिमांशु छिपकर श्यामलाल की अश्लील वीडियो बनाना चाहता था, लेकिन उससे पहले श्यामलाल को इसकी भनक लग गई, और वो चिल्लाने लगा। इसके बाद गीता और हिमांशु ने पहले तो श्यामलाल को बांध दिया और उसे चुप कराने की कोशिश की, लेकिन जब वो नहीं माना तो उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी। हत्या के बाद दो दिन बाद हिमांशु ने श्यामलाल की लाश के चार टुकड़े किए। गीता ने अपने भाई अजय कुमार और जीजा धनराज की मदद से शव को ठिकाने लगाया।

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