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श्री रीठासाहिब में जोड़ मेले के दूसरे दिन हजारों तीर्थ यात्रियों ने दरबार साहिब में टेका मत्था

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सोमवार की शाम से देश-विदेश से तीर्थ यात्रियों का उमड़ने लगा था श्रद्धा का सैलाब, सुरक्षा की दृष्टि से प्रत्येक तीर्थ यात्रियों को गुजरना पड़ा मैटल डिटेकटर से

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चम्पावत/ रीठासाहिब। मीठे रीठे के चमत्कार के लिए दुनिया में प्रसिद्ध गुरुद्वारा श्री रीठासाहिब में चल रहे सालाना जोड़ मेले के दूसरे दिन मंगलवार को देश-विदेश से आए हजारों तीर्थ यात्रियों ने दरबार साहिब में मत्था टेका। दिल्ली से आए कार सेवा प्रमुख वयोवृद्ध बाबा बच्चन सिंह, बाबा सुरेंद्र सिंह, बाबा श्याम सिंह के दिशा निर्देशन में लगभग सैकड़ों कार्यकर्ता पार्किंग से लेकर यातायात व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस का सहयोग कर रहे हैं।

गुरुद्वारा रीठा साहिब के प्रबंधक बाबा श्याम सिंह के अनुसार मेले में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान,यूपी के विभिन्न जिलों के अलावा अमेरिका, कनाडा, इंग्लैंड आदि देशों से भी तीर्थ यात्री यहां आए हुए हैं। पहली बार विदेश से आए तलविंदर सिंह, गुरबचन सिंह, तेज सिंह का कहना था कि आज उनका जीवन धन्य हो गया जो मुझे गुरु घर में हुए चमत्कार को अपनी आंखों से देखने का अवसर मिला। गुरु घर में मुख्य ग्रंथि निर्मल सिंह के नेतृत्व में अखंड पाठ की लड़ी चल रही है। अमृतसर से ज्ञानी तीरथ सिंह के नेतृत्व में हजूरी, रागी जत्था, नानकमत्ता साहिब से हरपेज सिंह हजूरी कथा वाचक गुरु सेवक सिंह, पंजाब डांडी जत्थे के ज्ञानी कुलबीर सिंह, इसी स्थान से डांडी जत्थे के ज्ञानी लखबीर सिंह, कवि श्री जत्थे के लखबीर सिंह, पटना साहिब के ज्ञानी रणजीत सिंह, ज्ञानी इकबाल सिंह, नानकमत्ता के प्रधान सचिव अमरजीत सिंह आदि ने गुरु नानक देव जी महाराज द्वारा विश्व कल्याण के लिए किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला।

श्री रीठासाहिब में नवनिर्मित पार्किंग स्थल में खड़े दोपहिया वाहन।

सीओ शिवराज सिंह राणा, थानाध्यक्ष कमलेश भट्ट, तहसीलदार ईश्वर सिंह भूमा आदि लोग मेले की व्यवस्थाओं को शांतिपूर्वक संपन्न करने के लिए जुटे हुए हैं। पटना साहिब गुरुद्वारा के पूर्व ग्रंथि ज्ञानी रणजीत सिंह के आने पर सिख संगत द्वारा उनका स्वागत किया गया। उन्होंने सिख संगत को संबोधित करते हुए कहा हमारे गुरुओं ने हमें मानव सेवा की जो सीख दी थी, उसका आज भी सभी लोग पालन करते आए हैं। सिख धर्म की यह विशेषता रही है कि जब तक वह किसी निराश व्यक्ति के चेहरे में मुस्कान नहीं लाता है तब तक उसे चैन नहीं मिलता है।

लधिया नदी के पास नवनिर्मित स्थाई पार्किंग स्थल हालांकि अभी पूरा नहीं हुआ है लेकिन इसके बनने से तीर्थ यात्रियों को बहुत बड़ी राहत मिली है। इस स्थान में लगभग दो हजार से अधिक मोटरसाइकिल की पार्किंग की गई है। मेले की संयोजक अजीत पाल सिंह के अनुसार बुधवार को मेले का औपचारिक रूप से समापन होगा अलबत्ता तीर्थ यात्रा की आवाजाही लगातार चली रहेगी।

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