उत्तराखंड पुलिस के 2 दारोगाओं पर केदारनाथ में महिला श्रद्धालु से छेड़छाड़ का आरोप, एक साल पुराने मामले में दर्ज हुआ मुकदमा
उत्तराखंड में महिला से छेड़छाड़ मामले पर दो पुलिसकर्मी निलंबित किए गए हैं। खास बात यह है कि यह पूरा मामला करीब एक साल पुराना है और अब जाकर प्रकरण में कार्रवाई की गई है। मामले में मुकदमा दर्ज कर तत्कालीन केदारनाथ चौकी इंचार्ज व दारोगा को सस्पेंड कर दिया गया है। पुलिस का कहना है कि महिला की ओर से जो जानकारी दी गई थी वो मैच नहीं कर रही थी। इस कारण जांच में लंबा समय लगा।
उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने एक दिन पहले ही महिलाओं से दुर्व्यवहार पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई का संदेश दिया था। दरअसल यह संदेश अचानक या बेवजह नहीं था। बताया गया है कि करीब एक साल पुराने मामले में हुई कार्रवाई के बाद पुलिस महानिदेशक ने पुलिसकर्मियों को यह संदेश दिया है। दरअसल यह पूरा प्रकरण रुद्रप्रयाग जिले का है। यहां पिछले साल एक महिला द्वारा दो पुलिस दारोगाओं पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया था।
खबर है कि यह एक महिला परिजनों के साथ केदारनाथ यात्रा पर आई थी। इस दौरान मौसम खराब होने के चलते इस महिला को रात के समय यहीं रुकना पड़ा था। कहीं भी ठहरने की व्यवस्था नहीं होने पर उसने पुलिस दारोगा से संपर्क किया। इसके बाद उसे महिला बैरक में रुकने के लिए कहा गया। आरोप है कि इस दौरान महिला के साथ पुलिस दारोगा द्वारा छेड़छाड़ की गई। महिला ने केदारनाथ चौकी इंचार्ज पर भी महिला पुलिस कैंप का दरवाजा बंद करने का आरोप लगाया है। युवती मध्य प्रदेश से केदारनाथ धाम दर्शन के लिए आई थी।
घटना को लेकर महिला ने अपना विरोध दर्ज कराया और यहां से अपने राज्य में वापस लौट गई। महिला द्वारा जिले से लेकर पुलिस मुख्यालय और मुख्यमंत्री कार्यालय तक भी ऑनलाइन शिकायत किए जाने की खबर है। खास बात यह है कि अब एक साल बाद इस मामले में दो चौकी इंचार्ज मंजुल रावत व दरोगा कुलदीप सिंह को निलंबित किए जाने की कार्रवाई की गई है। साथ ही प्रकरण में छेड़छाड़ की धाराओं में मुकदमा दर्ज किए जाने की भी जानकारी है।
रुद्रप्रयाग पुलिस अधीक्षक विशाखा अशोक भदाणे ने बताया कि घटना बेहद निंदनीय है। अपराधी बाहर का हो या घर का, पुलिस इस तरह के मामलों में सख्त कार्रवाई करेगी। महिला की शिकायत पर सोनप्रयाग कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर दिया गया है। जबकि, आरोपी चौकी इंचार्ज और दारोगा को सस्पेंड कर दिया गया है। बड़ी बात यह है कि एक साल पहले हुई शिकायत पर अब जाकर कार्रवाई हुई है, जबकि इस पूरे मामले को बेहद गोपनीय रखा गया। एक दिन पहले ही पुलिस मुख्यालय के स्तर पर महिला से दुर्व्यवहार को लेकर सख्त निर्देश भी जारी किए गए।